सिर्फ CIBIL Score ही अच्छा होना काफी नहीं, Personal Loan चाहिए तो ये 3 चीजें भी ठीक रखें, वरना लोन तो भूल ही जाना

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CIBIL Score: नमस्कार दोस्तों क्या आप पर्सनल लोन (Personal Loan) लेना चाहते, तो हम आपको इस पोस्ट के जरिए पर्सनल लोन (Personal Loan) लेने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और बँक द्वारा सिबिल स्कोर (Cibil Score) के साथ साथ और कोनसी चीजें चेक किए जाते। इसके बारे में सारी जानकारी देने वाले है। अगर आप भी पर्सनल लोन लेना चाहते है, और आपको लोन मिलेगा या नहीं यह जानना चाहते है, तो यह पोस्ट लास्ट तक जरूर पढ़े।

जब कभी बात आती है Personal Loan लेने की तो आपको हर कोई यही कहता होगा कि आपका सिबिल स्कोर (Cibil Score) अच्छा होना चाहिए, आपका सिबिल स्कोर अच्छा होगा, तो लोन मिल जाएगा. हालांकि, जब भी कोई बैंक किसी व्यक्ति को पर्सनल लोन देना चाहती है तो सबसे बँक सिर्फ उसका सिबिल स्कोर ही नहीं चेक करता, बल्कि उसके साथ यह 6 चीजे भी चेक करता है. इन सब से बैंक ये सुनिश्चित करता है, कि आप बैंक के पर्सनल लोन के पैसे समय से चुका पाएंगे या नहीं. आइए जानते हैं सिबिल स्कोर के अलावा बैंक कौन से 6 चीजे चेक करता है.

1) Loan-to-Value Ratio (LTV)

Loan-to-Value Ratio का उपयोग आमतौर पर होम लोन के मामले में किया जाता है. लोन-टू-वैल्यू रेश्यो की मदद से लोन की रिस्क को समझना आसान हो जाता है. आपके लोन की असेट या कोलेट्रल की तुलना में कितनी इनकम वैल्यू है यह लोन-टू-वैल्यू रेश्यो दिखाता है. इससे लोन को अधिक सिक्योर करने में मदद मिलती है. इस जानकारी का इस्तेमाल बैंक जरूरी नियम और शर्तें बनाने में करता है.

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2) EMI/NMI Ratio

EMI/NMI Ratio का उपयोग आमतौर पर आपकी नेट मंथली इनकम का कितना हिस्सा मौजूदा ईएमआई पर खर्च हो रहा है यह जानकारी के लिए इस रेश्यो का उपयोग किया जाता है. अगर आपकी EMI/NMI 50% से 55% तक है, तब तो ठीक है, लेकिन आपका EMI/NMI Ratio 55% से अधिक होने पर बैंक आपको लोन देने से कतराने लगते हैं, या आपका लोन मना करता है. अगर इसके बावजूद बैंक आपको लोन देते हैं तो बँक उस लोन पर अधिक ब्याज दर चार्ज करता हैं.

3) Debt-to-Income (DTI) Ratio

किसी को भी लोन देने से पहले बैंक सिबिल स्कोर के साथ साथ डेट-टू-इनकम रेश्यो जरूर चेक करता है. यह रेश्यो मंथली इनकम और आपकी ग्रॉस सैलरी की तुलना कर के कैल्कुलेट किया जाता है. जितना आपका DTI Ratio कम होगा, उतना आपको लोन मिलने के चांस ज्यादा होते हैं. इस रेश्यो के जरिए बैंक को यह जानकारी मिलती है, कि आपके ऊपर पहले से कितने लोन हैं और आपकी खाते में मंथली कितना पैसा बचता है.

अच्छे सिबिल स्कोर के क्या हैं फायदे

हर बैंक किसी भी आदमी को पर्सनल लोन देने से पहले उस व्यक्ति के सिबिल स्कोर को जरूर चेक करता है. आपका सिबिल स्कोर जितना ज्यादा होगा उतना ही आपको लोन आसानी से और सस्ता मिल सकता है. अगर आपका Cibil Score अच्छा है तो इसके कई फायदे होते हैं. यहां तक कि ज्यादा सिबिल स्कोर होने से आपको कई बार प्री-अप्रूव्ड पर्सनल लोन ऑफर भी मिल सकता है और आपको इंस्टेंट लोन की सुविधा भी मिल सकती है.

Cibil Score खराब होने के नुकसान

अगर आपका सिबिल स्कोर खराब है तो आपको उसका नुकसान भी झेलना पड़ता है. बँक से जुड़े तमाम कामों में आपको दिक्कत का सामना करना पड़ता है. आपका सिबिल खराब होगा तो आपको लोन मिलने में दिक्कत होती है. जितना कम सिबिल स्कोर होगा उतना ही आपको ज्यादा ब्याज दर चुकाना होगा. इतना ही नहीं ज्यादा ख़राब सिबिल स्कोर होने से आपको ज्यादा प्रीमियम भी चुकाना पड़ सकता है. इनके अलावा आपको होम लोन या कार लोन लेने में दिक्कत भी होगी. उसी के साथ लोन मिलने में देरी भी हो सकती है.

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